1. शिक्षक चयन: बोर्ड विभिन्न स्कूलों से अनुभवी शिक्षकों को नियुक्त करता है।

2. प्रशिक्षण: कॉपी चेकिंग मानकों को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

3. मूल्यांकन: शिक्षक प्रत्येक उत्तर को ध्यान से पढ़ते हैं और निर्धारित अंक देते हैं।

4. मॉडरेशन (कुछ बोर्डों में): एक मॉडरेटर द्वारा कॉपी की समीक्षा की जाती है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी शिक्षक समान मानकों का उपयोग करते हैं।

5. अंक प्रकाशन: बोर्ड द्वारा अंकों को आधिकारिक रूप से प्रकाशित किया जाता है।

6. चुनौतियां: व्यक्तिगत पूर्वाग्रह, व्यक्तिपरक मूल्यांकन, और समय की कमी जैसी चुनौतियां मौजूद हैं।

7. सुधार: ऑनलाइन चेकिंग, अंधा मूल्यांकन, और मानकीकरण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।